Indian Education System - Political View

अगर हम अपनी इंडियन एजुकेशन सिस्टम की बात करेंगे तो हम सभी जानते हैं कि हमारा इंडियन एजुकेशन सिस्टम बहुत ही घटिया और बेहूदा है.

इसमें बच्चों को सिर्फ पढ़ाया जाता है और उन्हें एक अच्छा नौकर बनने के लिए तैयार किया जाता है.

आप सभी को पता है कि इंडियन एजुकेशन सिस्टम पढ़कर आप कभी भी कुछ अच्छा sikh नहीं सकते और आप हमेशा एक ऐसे स्तर पर रहते हैं जैसे कि कोई भी आपको अपनी आजीविका चलाने के लिए पैसे देगा और आप उसके लिए सिर्फ काम करेंगे



लेकिन हम ऐसा नहीं कह सकते कि हमारा एजुकेशन सिस्टम बिल्कुल ही खराब है इसमें कुछ अच्छी चीजें नहीं है.

लेकिन मुख्य रूप से अगर हम देखें तो हमारा एजुकेशन सिस्टम आज के समय के अनुसार उतना अच्छा नहीं है इसको अंग्रेजों ने अपने काम के लिए बनाया था ताकि इंडिया के लोग उनके लिए काम करते रहे.

हमारे इंडियन एजुकेशन सिस्टम में आज के समय में सबसे बड़ी प्रॉब्लम ही है कि हमें सिर्फ एक नौकरी के लिए तैयार किया जाता है हमें जो हमारे रियल लाइफ में काम आने वाली चीजें जैसे फाइनेंस नॉलेज या प्रैक्टिकल नॉलेज बहुत कम लिया जाता है.

जिससे कि हमारा एजुकेशन हमारी लाइफ में उतना असर नहीं कर पाता जितना कि दूसरे देशों के विद्यार्थियों या लोगों पर उनके एजुकेशन का प्रभाव होता है.

 हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने नया एजुकेशन सिस्टम शुरू करने की घोषणा की है जो कि 2019 में कर दी गई थी लेकिन 2020 में वह एजुकेशन सिस्टम लागू नहीं हो पाया क्योंकि पूरे विश्व भर में कोरोना महामारी आ चुकी थी और इसी कारण हमें आज भी उसी पुराने एजुकेशन सिस्टम के अनुसार पढ़ना पढ़ रहा है.

 बहुत हद तक अब पूरा विश्व कोरोना महामारी से बाहर निकल चुका है और अब सिर्फ नाम मात्र की ही कोरोनावायरस बची है और हमें उम्मीद है कि 2024 के चुनाव के पहले पहले भारत में नया एजुकेशन सिस्टम लॉन्च हो जाएगा क्योंकि विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभदायक होगा उसमें विद्यार्थी अपने अनुसार विशेषण सकेंगे और उन्हें किसी विषय को पढ़ने के लिए जो उनके भविष्य में काम नहीं आने वाला उसके लिए कभी मुश्किलें उठानी पड़ेगी.

अगर मैं एजुकेशन सिस्टम या एजुकेशन पॉलिसी भारत में शुरू हो जाती है तो उसके बाद स्टूडेंट के साथ साथ बहुत सारी नौकरियां भी निकलेगी और युवा का भी कुछ उद्धार होगा.

जब नई शिक्षा नीति के बारे में बात शुरू की गई और सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति पर कुछ रोजाना आने लगे तो विपक्ष ने भी इसका समर्थन किया क्योंकि देश में इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है और नई शिक्षा नीति के बल पर ही भारत एक दिन विश्व गुरु बन सकता है.

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